प्रधानमंत्री ने नवनिर्मित संसद भवन राष्‍ट्र को समर्पित किया

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज नवनिर्मित संसद भवन राष्‍ट्र को समर्पित किया।

प्रधानमंत्री सुबह नये संसद भवन पहुंचे और महात्‍मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्‍पांजलि अर्पित की उसके बाद अधीनम के साथ नये संसद भवन में प्रवेश किया। हवन के पश्‍चात उन्‍होंने लोकसभा अध्‍यक्ष ओम बिरला के साथ मिलकर नए संसद भवन में सेंगोल को स्‍थापित किया फिर पट्टिका का अनावरण कर नये संसद भवन का उद्घाटन किया और सर्व धर्म प्रार्थना सभा में भी हिस्‍सा लिया। प्रधानमंत्री ने संसद के नये भवन की आधारशिला 10 दिसम्‍बर 2020 को रखी थी।

नया संसद भवन सांस्कृतिक एवं क्षेत्रीय कला, शिल्प और भारतीय विरासत की अभिव्‍यक्ति के साथ आधुनिक भारत की जीवंतता और विविधता को दर्शाता है। नया संसद भवन विकलांग और दिव्यांगजनों के लिए भी सुलभ है। वास्तुकला का अद्भुत स्‍वरूप देश की प्रगति के गौरवपूर्ण प्रतीक के रूप में खड़ा है। नये संसद भवन की शानदार संरचना न केवल प्रगति बल्कि राष्ट्र के विकास की भावना का भी प्रतिनिधित्व करता है।

लगभग 65 हजार स्‍क्‍वेयर मीटर में बनात्रिकोना आकार के दस भवन का उद्देश्‍य जगह का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना है। लोकसभा कक्ष में 888 सीटें हैं और यह राष्‍ट्रीय पक्षी मोर की थीम पर आधारित है। नये संसद भवन के राज्‍यसभा कक्ष में 384 सीटें हैं और यह राष्‍ट्रीय पुष्‍प कमल के थीम पर आधारित है। वहीं लोकसभा कक्ष में संसद के संयुक्‍त सत्र के लिए 1272 सीटों की व्‍यवस्‍था हो सकती है। इस भवन के कार्यालय सुरक्षित होने के साथ ही नवीनतम सूचन प्रौद्योगिकी और दृश्‍य-श्रृव्‍य सिस्‍टम से सुसज्जित है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने नये संसद भवन के निर्माण में शामिल रहे लोगों को सम्‍मानित किया। दोपहर में वे इस ऐतिहासिक अवसर पर वे 75 रुपये का एक स्‍मारक सिक्‍का और डाक टिकट भी जारी करेंगे।

नया संसद भवन आत्‍मनिर्भर भारत की भावना का प्रतीक है, जिसे रिकॉर्ड समय में निर्माण संबंधी उच्‍च गुणवत्‍ता स्‍तर के साथ तैयार किया गया है। नये संसद भवन को नवीनतम और अत्‍याधुनिक तकनीक से सुसज्जित किया गया है जिससे कि सदस्‍यों को अपना काम बेहतर तरीके से करने में आसानी होगी।

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