# डॉ नर नारायण तिवारी की पुस्तक ‘मानवीय चिन्तन’ का हुआ विमोचन
बोकारो : भारती साहित्य परिषद, बोकारो द्वारा रविवार को सेक्टर 5 स्थित विहंगम योग आश्रम में तुलसी जयंती समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत महाकवि तुलसीदास के चित्र पर परिषद के अध्यक्ष सुख नंदन सिंह ‘सदय’, महासचिव डॉ नर नारायण तिवारी, उदय प्रताप सिंह, डॉ बलराम दुबे व अन्य साहित्यकारों द्वारा माल्यार्पण व पुष्पार्चण से हुई। इस अवसर पर डॉ नर नारायण तिवारी की पुस्तक ‘मानवीय चिंतन’ (निबंध संग्रह) का विमोचन किया गया।
वरिष्ठ साहित्यकार सुख नंदन सिंह ‘सदय’ की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम के प्रथम सत्र में तुलसी दास जी के जीवन व उनकी रचनाओं पर वक्ताओं ने अपने विचार रखे। वक्ताओं ने कहा कि महाकवि तुलसी ने अपनी रचनाओं के माध्यम से लोगों को भारतीय संस्कृति के अनुरूप जीवन जीने की कला सिखाई। उनकी कालजयी पुस्तक रामचरित मानस पूरे विश्व में लोकप्रिय है। प्रथम सत्र का संचालन डॉ बलराम दुबे ने किया।
दूसरे सत्र में डॉ परमेश्वर भारती के संचालन में काव्य पाठ का आयोजन हुआ जिसकी शुरुआत पूर्णेन्दु कुमार सिंह ने ‘शब्द की आध्यात्मिक यात्रा’ शीर्षक कविता सुनाकर की। डॉ राम नारायण सिंह ने ‘मैं रहूंगा गांव में’, महेश शर्मा मेंहदी ने ‘सागर की गहराई सा मन’, डॉ रंजना श्रीवास्तव ने ‘आफत बनके आइल कोरोना’, कमल किशोर सिंह ने ‘भारत विश्व गुरु बनने की ओर’, ललन तिवारी ने ‘मित्र ने नहीं बताया’, अरुण पाठक ने ‘हिंदी है हम सबकी भाषा, हिंदी है जन-जन की भाषा’, शिव कुमार सिंह ने ‘तुलसी की साहित्यिक विशिष्टता’, दिनेश सिंह ने ‘एक शिकायत चांद से’, ओमराज ने ‘कविता क्या है’, विमल पांडेय ने ‘तुलसी को पुष्पांजलि’, डॉ नर नारायण तिवारी ने ‘भावों के फूल’, डॉ परमेश्वर भारती ने ‘दो रंगे लोग’ व सुख नंदन सिंह ‘सदय’ ने ‘युग पुरुष राम’ शीर्षक कविता सुनाकर सबकी प्रशंसा पाई।