साहित्योदय द्वारा 26 घंटे का जन रामायण अखण्ड काव्यार्चन का बन रहा है विश्व रिकॉर्ड

बोकारो : रविवार को 26 घण्टे तक चलनेवाले अखण्ड काव्यार्चन शुरु हुआ जिसमें विश्व के दो सौ से अधिक रचनाकार प्रभु श्री राम पर अपनी मौलिक कविताओं का ऑनलाइन पाठ कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय साहित्य कला संस्कृति न्यास साहित्योदय जन रामायण अखण्ड काव्यार्चन आयोजित कर विश्व कीर्तिमान स्थापित करने को अग्रसर है। अखण्ड काव्यार्चन का उद्घाटन महर्षि बाल्मीकि के आश्रम से प्रख्यात गीतकार डॉ बुद्धिनाथ मिश्र ने किया। उन्होंने राम पर सुंदर गीत गाये और साहित्योदय के इस प्रकल्प की सराहना करते हुए कहा कि यह एक इतिहास बनने जा रहा है जिसके लिए संस्थापक पंकज प्रियम का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। हास्य सम्राट पद्मश्री सुरेंद्र शर्मा ने भी साहित्योदय के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक क्षण है और राम को समझने के लिए इसी तरह के समर्पण और मर्यादा का पालन करना होगा।
कवि बेबाक़ जौनपुरी ने अपनी महानंद रामायण दोहावली का पाठ किया और साहित्योदय को साहित्य सूर्य बताया। कवि अजय अंज़ाम ने भी उर्मिला प्रसङ्ग का मार्मिक चित्रण करते हुए कहा कि साहित्योदय और पंकज प्रियम ने इस विपदा काल मे सबको जीने का सम्बल दिया हैं। सुप्रसिद्ध समीक्षक ज्योतिष जोशी ने कहा कि श्री राम जन जन के प्रिय और आदर्श हैं। इस आयोजन के माध्यम से उनकी महिमा का गुणगान प्रशंसनीय है। कवयित्री डॉ रमा सिंह ने कहा कि श्री राम भारतीय संस्कृति के प्रतीक हैं। उनका जीवन चरित सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। नैनीताल की प्रख्यात कवयित्री आशा शैली तो काव्यपाठ करते हुए रो पड़ी और कहा कि इस आयोजन से जुड़कर उनका जीवन धन्य हो गया। रविवार को दसवें सत्र का संचालन बोकारो की कवयित्री नीलम झा ने किया।
संस्थापक अध्यक्ष पंकज प्रियम ने बताया कि साहित्योदय द्वारा  5 और 6 दिसम्बर को लगभग 27 घण्टे तक अखण्ड काव्यार्चन चल रहा है। जिसमें विश्व के दो सौ से अधिक रचनाकार प्रभु श्री राम पर अपनी मौलिक कविताओं का ऑनलाइन पाठ कर रहे हैं। इस आयोजन को गोल्डनबुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया जा रहा है ।
रविवार सुबह 8 बजे जन रामायण अखंड काव्यार्चन 26 घंटे का अनवृत चलने वाला काव्यपाठ का भव्य शुभारंभ हुआ जिसमें दुनिया भर के 200 से अधिक सुप्रसिद्ध रचनाकार  राम और रामायण से जुडी मौलिक कविताओं का पाठ कर रहे हैं। कार्यक्रम का संचालन 26 सुप्रसिद्ध एंकरों द्वारा किया गया। अरुण जैमिनी, कवि बेबाक़ जौनपुरी, कवि अजय अंज़ाम, सुप्रसिद्ध हास्य कवि पद्मश्री सुरेन्द्र शर्मा, प्रख्यात साहित्यकारा आशा शैली, डॉ शोभा त्रिपाठी, सरला शर्मा, गौरी मिश्रा, सौरभ जैन सुमन, श्रुति भट्टाचार्य समेत कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के साहित्यकार-कलाकार अपनी प्रस्तुति दे रहे हैं। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण साहित्योदय चैनल के माध्यम से पूरे विश्व में हो रहा है। भगवान श्रीराम पर मौलिक काव्यपाठ का पूरे विश्व में यह पहला और अनूठा आयोजन हो रहा है।
‘साहित्योदय’ के संस्थापक सह  अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष कवि पंकज प्रियम ने बताया कि इस अयोजन का एक महत्वपूर्ण उद्द्येश्य जन-जन तक भगवान श्री राम के आदर्शों की स्थापना करना और लोगों में उनके प्रति जनजागरण लाना है। इसी के निमित जन रामायण नामक एक अंतरराष्ट्रीय साझा महाग्रंथ का भी प्रकाशन किया जा रहा है जिसमें दुनिया के 111 रचनाकार रामायण के अलग अलग प्रसंगो पर मौलिक सृजन कर रहे हैं। इस अनूठे महाग्रंथ का लोकार्पण अयोध्या में किया जाएगा। गौरतलब है कि साहित्योदय पिछले 3 वर्षों से साहित्य, कला, संस्कृति और समाज के लिए लगातार कार्य कर रहा है। सिर्फ कोरोनाकाल के इन डेढ़ वर्षो में दो हजार से अधिक लोगों की प्रस्तुति हो चुकी है। साहित्योदय के दो दर्जन से अधिक देश और सभी प्रांतों में शाखाएं कार्यरत है। इस आयोजन को सफल बनाने में गणेश दत्त, तृप्ति मिश्रा, नंदिता माजी शर्मा, प्रिया शुक्ला, सुदेषणा सामन्त,  डॉ रजनी शर्मा चन्दा, गोविंद गुप्ता, डॉ मधुकर राव लरोकर, डॉ श्वेता सिन्हा, संजय करुणेश, सुरेंद्र उपाध्याय, मुकेश बिस्सा, योगिता त्यागी ख़लीफ़ा, गीता कुमारी गुस्ताख, नीलम झा सहित कई लोग रविवार सुबह से ही संपूर्ण निष्ठा से सफलतापूर्वक अखंड काव्यार्चन को  सुचारू रूप है चलाने में जुटे हुए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *