चल उड़ जा रे पंछी कि अब ये देश हुआ बेगाना…

# गीतकार कैफी आज़मी व संगीतकार चित्रगुप्त की याद में सजी सुरों की महफ़िल

बोकारो : फिल्म जगत के मशहूर गीतकार-शायर कैफी आज़मी की जयंती व संगीतकार चित्रगुप्त की पुण्यतिथि पर शनिवार की शाम सेक्टर 12 बी में स्वरागिनी म्यूजिकल ग्रुप की ओर से संगीत संध्या का आयोजन किया गया। गायक अरुण पाठक ने कहा कि कैफी आज़मी उर्दू के बहुत ही उम्दा शायर व हिन्दी सिनेमा जगत के प्रतिष्ठित गीतकार थे। संगीतकार चित्रगुप्त बहुत ही गुणी संगीतकार थे। उन्होंने फिल्म संगीत को कई अविस्मरणीय गीत दिए। मिथिला सांस्कृतिक परिषद, बोकारो के सांस्कृतिक कार्यक्रम निदेशक शंभु झा ने कहा कि कैफी आज़मी ने कई यादगार गीत फिल्म संगीत को दिए। कार्यक्रम संयोजक रमण चौधरी व रागिनी सिन्हा अंबष्ठ ने कहा कि फिल्म संगीत को समृद्ध बनाने में कैफी आज़मी व चित्रगुप्त का प्रशंसनीय योगदान रहा है।

अरुण पाठक ने ‘ये रात है प्यासी- प्यासी…’, ‘कर चले हम फिदा जानो तन साथियों… ‘, ‘तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो… ‘, ‘लागी छूटे ना अब तो सनम….’, चल उड़ जा रे पंछी… ‘ आदि गीतों की सुमधुर प्रस्तुति से सभी को आनंदित किया। रमण चौधरी ने ‘तुम्हारी जुल्फ के साये में… ‘, ‘ये दुनिया ये महफ़िल… ‘, ‘मुझे दर्दे दिल का पता ना था… ‘, कमलेश्वरी व रागिनी ने मिलो ना तुम तो हम घबराए… ‘, ‘बेताब दिल की तमन्ना यही है… ‘ प्रस्तुत कर उन्हें याद किया।

 

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