भजन संध्या के साथ मनी साहित्यकार अशोक कुमार ‘राकेश’ की पहली पुण्यतिथि

बोकारो : प्रसिद्ध तबला वादक व भारतीय संगीत कला अकादमी के सचिव डॉ राकेश रंजन के पिता वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार स्वर्गीय अशोक कुमार ‘राकेश’ की पहली पुण्यतिथि गुरुवार को भजन संध्या के साथ मनाई गई। सेक्टर वन सी में हुई इस भजन संध्या की शुरुआत रिटायर्ड डीएसपी अशोक कुमार सिंह, शिक्षाविद डॉ एन के राय, वरिष्ठ संगीतज्ञ शिवेन चक्रवर्ती, नरेश कुमार सिन्हा, डॉ राकेश रंजन, अमित सरकार, अरुण पाठक, पंकज कुमार, माया सिंह, जयंती पाठक, आरती रंजन, श्रुति रंजन, साक्षी रंजन द्वारा स्वर्गीय अशोक कुमार ‘राकेश’ की तस्वीर पर पुष्पार्चन से हुई।
शास्त्रीय गायक नरेश कुमार सिन्हा ने बड़ा ख्याल, छोटा ख्याल प्रस्तुत करने के बाद भजन, कालिका प्रसाद चटर्जी ने ‘ओ दुनिया के रखवाले… ‘, शिवेन चक्रवर्ती ने गणेश वंदना व भजन, अशोक सिंह ने ‘सुख के सब साथी, दुख में न कोई…’, श्रुति व साक्षी रंजन ने ‘ऐ री मेरी मना…’, अरुण पाठक ने ‘मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊंं…’  व सुपरिचित गीतकार शिव कुमार झा ‘ टिल्लू’ की रचना मिथिला वर्णन ‘अपन मिथिला के गाथा हम सुनू एखने सुनाबै छी.. ‘, प्रो. पंकज कुमार ने ‘काया नही तेरी, मत कर मेरी मेरी…’ व ‘जगत में खबर नहीं कल की…’ की भावपूर्ण प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। तबले पर डॉ राकेश रंजन व अमित सरकार ने संगति की।
डॉ राकेश रंजन ने अपने पिता साहित्यकार व पत्रकार स्वर्गीय अशोक कुमार ‘राकेश’ के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि स्वर्गीय अशोक कुमार ‘राकेश’ की कई पुस्तकें प्रकाशित हुई थीं जिसमें ‘वर्णों का आध्यात्मिक स्वरूप’, ‘विश्व गुरु भारत की प्राचीन विद्याएं’, ‘परा विद्यायों का स्वरुप : साधना सिद्धि’, ‘धर्म, संप्रदाय और अध्यात्म’, कविता संग्रह ‘एकलव्य संज्ञा नहीं व्यक्ति की’, बाल कविताएं आदि शामिल हैं। वे आजीवन पत्रकारिता से भी जुड़े रहे।

 

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