भोजपुरी गीत

 

 

 

 

 

 – करुणा कलिका

काहे बोलतारू बोल तू कुबोल बबुनी ,
काहे बेचलू ईमनवा बेमोल बबुनी ।

पुछ तू सवाल कवनो ,
बावे नहखे दिक्कत ।
देस के तू साथे रह ,
करतानी मिन्नत।
आस आ पड़ोसी सभे ,
फायदा उठावता।
तहरा नादानी पर ,
सभे केहू हँसता ।
अब बुझ जा तू देसवा के मोल बबुनी।
काहे बेचलू ईमनवा बेमोल बबुनी ।

कवनो इ पार्टी तहरा ,
कामे नाही आई।
कर ल परपंच टिकट ,
तबो ना भेटाई।
होखे ना जे आपन उ ना ,
केहू के भी होखेला ।
बात इ पुरान हवे ,
सभे केहू जानेला।
तू त लागतारू फूटल जईसे ढोल बबुनी ।
काहे बेचलू ईमनवा बेमोल बबुनी ।

सादी सुदा होखे तू ना ,
बुझलू दरदिया।
ताजा ताजा घाव पर ना ,
रखलू हरदिया।
अंसुअन के बोझ तहरा ,
कईसे सहाता।
सबके दर्द तहरा ,
झूठ मूठ बुझाता।
तू त नफरत के बाड़ू बड़ झकोल बबुनी ।
काहे बेचलू ईमनवा बेमोल बबुनी ।

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