सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला, जमशेदपुर की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा

सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला, जमशेदपुर, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद का एक अंगीभूत संस्थान है। प्रयोगशाला बृहत पैमाने पर शोध प्रकाशन उच्च स्तरीय समीक्षा वाले पत्रिकाओं में तथा बौद्धिक सम्पदा उत्पाद में लगातार वृद्धि कर मैटेलर्जी एवं मैटेरियल सायंस व टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अपनी भागीदारी एवं नेतृत्व प्रदान कर रही है। माननीय श्री सी. राजगोपालाचारी ने 21 नवम्बर, 1946 को सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला की आधारशिला रखी थी। 26 नवम्बर, 1950 को भविष्य में आशा और विश्वास की एक भावना के साथ पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा इसका औपचारिक रूप से उद्घाटन किया गया और देश को समर्पित किया गया। प्रयोगशाला का उद्देश्य भारत के मैटेलर्जी एवं मैटेरियल सायंस के क्षेत्र में उत्कृष्ट शोध एवं विकास पर आधारित उत्पाद तथा तकनीकी विकास को बढ़ावा देना है। सामान्य कार्यक्षेत्र वाले प्रयोगशाला के साथ सहयोग बढ़ाया जा रहा है, भारत एवं विदेशों में स्थापित उत्कृष्ट शोध संस्थानों के साथ खनिज एवं धातुकर्म में नवीन तकनीक खोज का कार्य चल रहा है। प्रयोगशाला के कार्यक्रम चार अनुसंधान एवं विकास प्रभागों एवं चार समर्थन प्रभागों के अन्तर्गत संचालित होते हैं।

अपने अनुभवी वैज्ञानिकों व अभियंताओं की टीम तथा अधुनातन प्रौद्योगिकी व कार्य-सुविधाओं की बहुलता का उपयोग करते हुये खनिज, धातु व अन्य पदार्थों के क्षेत्र में वैज्ञानिक व औद्योगिक विकास एवं सफलता को समर्थन देने के लिये अनुसंधान एवं विकास, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, परामर्शिता, मानक व गुणवत्ता के रूप में विशिष्ट सेवायें प्रदान करना तथा नित्य नवाचार, विकास, हस्तान्तरण व मानकीकरण करना।

पिछले कुछ वर्षों में, एनएमएल ने अपनी अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों का विस्तार किया गया है तथा निम्नलिखित क्षेत्रों में अपनी शक्ति स्थापित किया है :

· खनिज प्रसंस्करण व अभियांत्रिकी : संचयन, कोयला एवं लौह अयस्क, पेट्रोग्राफी एवं पायलट पैमाने पर शोध

· लौह व अलौह धातु निष्कर्षण : एक्सट्रैक्टिव धातुविज्ञान, हाइड्रोमेटलर्जी, पायरोमेटलर्जी, इलेक्ट्रोमेटलर्जी एवं प्रोसेस मॉडलिंग

· सतह अभियांत्रिकी : संक्षारण, ट्राइबोलॉजी एवं सहत संशोधन

· अनुप्रयुक्त एवं विश्लेषणात्मक रसायन : रासायनिक विश्लेषण, जल रसायन एवं सहत रसायन

· मैटेरियल इंजीनियरिंग : मिश्र विकास, उनन्त सामग्री एवं प्रक्रिया, धातु रचना एवं सामग्री जॉइनिंग

· सामग्री मूल्यांकन : यांत्रिक व्यवहार, माइक्रोस्ट्रक्चरल चरित्र निर्धारण, गैर-विनाशकारी मूल्यांकन एवं एकीकृत कम्प्यूटेशनल सामग्री इंजीनियरिंग

· ऊर्जा एवं पर्यावरण : अपशिष्ट उपयोग, धातु रीसाइक्लिंग, ग्रीन धातु प्रौद्योगिकी एवं प्रदूषण शमन

सीएसआईआर-एनएमएल कच्चे माल, धातु, मिश्र धातु और स्पेक्ट्रोग्राफिक मानकों के लिए प्रमाणित संदर्भ सामग्री विकसित करने में अग्रणी है। सीएसआईआर-एनएमएल ने वर्तमान में कच्चे माल के लिए सात मानक, धातु और मिश्र धातु के लिए सोलह मानक और सादे कार्बन स्टील के स्पेक्ट्रोग्राफिक मानकों के लिए पांच मानक विकसित किए हैं।

चल रहे आर एंड डी कार्यक्रम के अलावा, कई सामाजिक से जुड़ी परियोजनाएं शुरू की गई हैं। सामाजिक प्रभाव के मामले में उल्लेखनीय रूप से उल्लेख किया जा सकता है – अर्थात् – (1) स्कूल-एनएमएल इंटरैक्टिव प्रोग्राम (एसएनआईपी), (2) टीचर- सीएसआईआर एनएमएल इंटरैक्टिव प्रोग्राम (टेकनिप), (3) गांव दत्तक ग्रहण विज्ञान शिक्षा, स्थानीय संसाधनों पर आधारित रोजगार सृजन, स्वच्छता, स्वास्थ्य और स्वच्छता, पीने के पानी की शुद्धता आदि के आधार पर कार्य, (4) स्कूल के छात्रों के लिए सीखना, (5) उद्योग प्रायोजित छात्र-एनएमएल इंटरैक्टिव प्रोग्राम, (6) ग्रीष्मकालीन / शीतकालीन इंटर्नशिप, (7) व्यावसायिक प्रशिक्षण की आवश्यकता और (8) हाल ही में, सीएसआईआर-एनएमएल ने सीएसआईआर और मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में केन्द्रीय विद्यालय के छात्रों में वैज्ञानिक रुचि पैदा करने के लिए “जिज्ञासा” नामक कार्यक्रम की शुरुआत की है।

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