डीपीएस बोकारो ने दुबई में जीता ‘ग्रीन स्कूल ऑफ द ईयर- इंडिया’ अवार्ड

# क्रोएशिया गणराज्य के कॉन्सुलेट जनरल के हाथों विद्यालय के प्राचार्य डॉ. गंगवार ने ग्रहण किया विश्वस्तरीय सम्मान

बोकारो। दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) बोकारो की ओर से अपने ‘गो ग्रीन इनिशिएटिव’ के तहत हरितिमा-रक्षा के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। इन्हीं प्रयासों की बदौलत विद्यालय ने पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में इस बार दुबई में ‘ग्रीन स्कूल ऑफ द ईयर- इंडिया’ अवार्ड जीतकर एक हरित विजय पाई है। शिक्षा में पर्यावरण-संरक्षण के समावेश की महत्वपूर्ण पहल के लिए विद्यालय को यह वैश्विक उपलब्धि मिली है।

विद्यालय की ओर से प्राचार्य डॉ. एएस गंगवार ने दुबई में ग्लोबल एजुकेशन समिट एंड अवॉर्ड्स 2022 नामक कार्यक्रम के दौरान यह सम्मान ग्रहण किया। अवार्ड के लिए 57 देशों से कुल 985 नॉमिनेशन आए थे, जिनमें अलग-अलग कैटेगरी में कुल 26 देशों के 70 नॉमिनेशन चुने गए। खास बात यह रही कि डीपीएस बोकारो इनमें पूरे भारतवर्ष से ग्रीन कैटेगरी में यह प्रतिष्ठित वैश्विक सम्मान पाने वाला एकमात्र विद्यालय रहा।

एकेएस एजुकेशन अवार्ड्स के सीईओ दिनेश कामरा की अध्यक्षता में आयोजित इस समारोह के मुख्य अतिथि क्रोएशिया गणराज्य के कॉन्सुलेट जनरल जैस्मिन दल्विक के हाथों डॉ. गंगवार ने विद्यालय की तरफ से यह अवार्ड प्राप्त किया। मौके पर विशिष्ट अतिथियों में अबू-धाबी में हंगरी दूतावास के मिशन उप प्रमुख लाज्लो मार्टन और दुबई में आज़रबाइजान गणराज्य के वाइस काउंसिल, जनरल कॉन्सुलेट खनलर पशाज्दे मौजूद रहे। विदित हो कि ग्लोबल एजुकेशन अवार्ड्स, एकेएस एजुकेशन अवार्ड्स की एक पहल और वार्षिक कार्यक्रम है, जो विश्व स्तर पर शिक्षा में उत्कृष्टता को मान्यता देता है। ग्लोबल एजुकेशन अवार्ड्स का उद्देश्य दुनियाभर में ऐसे व्यक्तियों और संस्थानों को सम्मानित करना है, जिन्होंने अपने शिक्षार्थियों के लिए उच्चतम क्षमता और शिक्षा के मानकों का प्रदर्शन किया है।

डॉ. गंगवार ने इस उपलब्धि का श्रेय स्कूल के विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों सहित समस्त विद्यालय परिवार को दिया है। कहा कि सभी के समेकित सहयोग से ही हम पर्यावरण-संरक्षण की प्रतिबद्धता को साकार करने की दिशा में सतत गतिशील हैं। उन्होंने विद्यालय की ओर से वैश्विक मंच पर यह पुरस्कार प्राप्त करना गर्व का विषय बताया। उन्होंने कहा कि प्रकृति और अपनी धरती माता की रक्षा करना हम सभी का नैतिक दायित्व है। धरा सुरक्षित रहेगी तभी हम सभी सुरक्षित रह पाएंगे और संपूर्ण जीव-जगत का अस्तित्व बचा रहेगा। डॉ. गंगवार ने विद्यालय की ओर से पर्यावरण-संरक्षण के प्रयास जारी रखते हुए आगे भी इसी प्रकार के मानक व उदाहरण प्रस्तुत करने की कटिबद्धता जताई।

पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे हैं ये अनूठे उपाय

उल्लेखनीय है कि डीपीएस बोकारो में गो ग्रीन इनिशिएटिव के तहत विद्यार्थियों को पठन-पाठन के साथ हरित-कार्यों से भी जोड़ा जाता है। बच्चे यहां महापुरुषों के नाम पर विभिन्न अवसरों पर पौधे लगाते हैं। कागज की बर्बादी न हो, इसके लिए विद्यालय खुद की पेपर रीसाइक्लिंग यूनिट में बेकार कागज को फिर इस्तेमाल के लायक बनाकर अपनी कागजी जरूरतें पूरी करता है। डीजल से प्रदूषण को कम करने व ऊर्जा-संरक्षण के निमित्त यहां अधिष्ठापित 125 केवीए क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र से तैयार बिजली का आवश्यकतानुसार इस्तेमाल होता है।

इसके अलावा यहां अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ की बजाय पौधों से करने और किसी समारोह में अभ्यागतों को फल-सब्जियों के बीज से युक्त पहचान पत्र देने की भी परंपरा चली आ रही है। विद्यालय की चरक वाटिका, जैव हरित वाटिका, वर्मी कंपोस्ट फार्मिंग, उन्नत बागवानी, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, मिट्टी बचाने के लिए सेव सॉइल एवं बच्चों को प्रकृति-पोषण से जोड़े रखने के लिए फुलवारी का आयोजन आदि भी गो ग्रीन इनिशिएटिव की महत्वपूर्ण कड़ियां हैं। इनसे बच्चों को जोड़कर छात्र-जीवन से ही उनमें पर्यावरण-संरक्षण के दायित्वों का बीजारोपण किया जा रहा है।

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