नई दिल्ली: भारत की खुफिया एजेंसियों को बड़ी कामयाबी मिली है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के ऑपरेशनल कमांडर और देश के मोस्ट वांटेड आतंकियों में शामिल अब्दुल रऊफ अजहर को मार गिराया गया है। सूत्रों के मुताबिक, यह कार्रवाई पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी ठिकानों पर की गई उच्च-सटीकता वाली हवाई हमलों में की गई।
अब्दुल रऊफ अजहर, जैश संस्थापक मसूद अजहर का छोटा भाई था, और 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 के अपहरण के पीछे मुख्य साजिशकर्ता था। उस अपहरण के बाद भारत सरकार को मजबूरन तीन आतंकियों को छोड़ना पड़ा था — जिनमें मसूद अजहर भी शामिल था।
रऊफ अजहर 2001 के संसद हमले, 2003 के नागरोटा सैन्य शिविर हमले, 2016 के पठानकोट एयरबेस हमले और 2019 के पुलवामा आत्मघाती हमले (जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे) जैसी कई घातक आतंकी घटनाओं का भी मास्टरमाइंड माना जाता है।
जैश मुख्यालय पर सीधा हमला
भारतीय वायुसेना द्वारा चलाए गए इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और PoK में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के 9 बड़े आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। अब्दुल रऊफ को बहावलपुर स्थित जैश के एक हाई-वैल्यू ऑपरेशनल बेस पर किए गए एयरस्ट्राइक में मारा गया।
रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले में जैश संस्थापक मसूद अजहर के करीबी 10 पारिवारिक सदस्य और 4 सहयोगी भी मारे गए। यह कार्रवाई कश्मीर के पहलगाम में हुए निर्दोष नागरिकों की हत्या के जवाब में की गई थी।
आतंक के नेटवर्क को बड़ा झटका
रऊफ की मौत को भारत की आतंकवाद विरोधी मुहिम में एक निर्णायक मोड़ के रूप में देखा जा रहा है। वह लंबे समय से पाकिस्तान में छिपकर भारत विरोधी साजिशों को अंजाम दे रहा था। अब उसकी समाप्ति से सीमा पार चल रहे आतंकी नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।