क्या पाकिस्तान मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी अड्डा फिर से बनाने और आतंकवादियों को मुआवजा देने की योजना बना रहा है?

नई दिल्ली/इस्लामाबाद – भारत द्वारा “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर की गई एयर स्ट्राइक के बाद अब पाकिस्तान सरकार मुरिदके में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के मुख्यालय वाले इलाके को दोबारा बनाने की तैयारी कर रही है। यह वही इलाका है जहां लश्कर का 82 एकड़ में फैला मुख्य केंद्र ‘मरकज़-ए-तैयबा’ स्थित है।

भारत ने 6 मई की आधी रात को किए गए सटीक हमलों में इस केंद्र को निशाना बनाया। यह परिसर पंजाब प्रांत के शेखूपुरा ज़िले के नंगल साहदान में स्थित है और इसमें लड़ाकू प्रशिक्षण केंद्र, आवासीय भवन, मस्जिदें, स्कूल और अस्पताल जैसी सुविधाएं हैं। इसे लश्कर और उसके मातृ संगठन ‘मरकज़ दावा वल इरशाद’ (MDI) का संचालन केंद्र माना जाता है।

पाकिस्तानी मंत्रियों का दौरा और पुनर्निर्माण की घोषणा

13 मई को पाकिस्तान के उद्योग मंत्री राणा तनवीर हुसैन और पंजाब के हाउसिंग मंत्री बिलाल यासीन ने मुरिदके में घायल लोगों से मुलाकात की। पाकिस्तान के अखबार द न्यूज़ इंटरनेशनल के अनुसार, मंत्री हुसैन ने घोषणा की कि सरकार मस्जिद सहित क्षतिग्रस्त इलाकों का पुनर्निर्माण करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर इस कार्य के लिए निजी तौर पर आर्थिक मदद देंगे।

प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा, “शहीदों के बच्चों की देखभाल सरकार की ज़िम्मेदारी है, और हम इसे निभाएंगे।” उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि घायलों के इलाज का पूरा खर्च केंद्र सरकार उठाएगी और उनके घर व मस्जिदें दोबारा बनाई जाएंगी।

मुआवज़े पर उठे सवाल

सरकार ने भारत की कार्रवाई में मारे गए पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों को रैंक के अनुसार ₹3.02 करोड़ से ₹5.4 करोड़ तक का मुआवज़ा देने की घोषणा की है। वहीं, घायल लोगों को ₹3 लाख से ₹6 लाख तक दिए जाने की बात कही गई है।

लेकिन सबसे बड़ा विवाद उस खबर पर हुआ है जिसमें कहा गया है कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को ₹14 करोड़ का मुआवज़ा मिल सकता है। खबरों के अनुसार, अजहर के 14 रिश्तेदार मारे गए हैं और यदि वह उनका कानूनी उत्तराधिकारी सिद्ध होता है तो उसे प्रति व्यक्ति ₹1 करोड़ के हिसाब से ₹14 करोड़ मिल सकते हैं।

भारत की खुफिया एजेंसियों ने इस पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि यह स्पष्ट रूप से पाकिस्तान की ओर से प्रतिबंधित आतंकियों को संरक्षण देने और समर्थन देने का प्रमाण है।

मुरिदके और लश्कर का कनेक्शन

मुरिदके स्थित ‘मरकज़-ए-तैयबा’ लंबे समय से वैश्विक आतंकवाद की नजर में रहा है। यह लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद का मुख्यालय रहा है और 2008 के मुंबई हमलों सहित कई आतंकी हमलों की साजिशों में इस जगह की भूमिका रही है। अजमल कसाब, डेविड हेडली और तहव्वुर राणा जैसे कुख्यात आतंकियों ने यहीं प्रशिक्षण लिया था।

भारतीय खुफिया सूत्रों के अनुसार, अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन ने भी इस केंद्र में बनी मस्जिद और गेस्ट हाउस के निर्माण के लिए आर्थिक मदद दी थी। एक वरिष्ठ भारतीय आतंकवाद रोधी अधिकारी ने इसे “सैन्य अड्डे जैसी एक संगठित बस्ती” करार दिया।

ऑपरेशन सिंदूर: पहलगाम नरसंहार का जवाब

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। यह हमला लश्कर की प्रॉक्सी ग्रुप द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने किया था।

इस ऑपरेशन के तहत भारत ने मुरिदके सहित 9 आतंकवादी अड्डों को निशाना बनाया, जिनमें बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद का ठिकाना भी शामिल था। भारत का दावा है कि इन हमलों में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए और नागरिकों को कोई नुकसान नहीं हुआ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *