डीपीएस बोकारो में पिकनिक के साथ विद्यार्थियों ने मनाईं नए साल की खुशियां

# पढ़ाई में एकाग्रता के लिए आनंदयुक्त वातावरण आवश्यक : डॉ. गंगवार

बोकारो। ‘नया साल पुराने वर्ष की कमियों को दूर कर बेहतरी की ओर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। नए साल में नई ऊर्जा के साथ बच्चे पढ़ाई के अलावा विभिन्न शैक्षणिक व पाठ्येतर गतिविधियों में शामिल हों और एक नया इतिहास बनाएं। इसी सोच के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। इसके लिए तनाव-मुक्त वातावरण आवश्यक है। पढ़ाई में अच्छा करने के लिए मानसिक शांति, सुकून और शारीरिक स्फूर्ति भी जरूरी है। तभी एकाग्रता आती है और बच्चे बेहतर परिणाम हासिल कर सकते हैं।’ ये बातें डीपीएस बोकारो के प्राचार्य डॉ. एएस गंगवार ने कहीं। शनिवार को विद्यालय परिसर में आयोजित बच्चों के वार्षिक पिकनिक सह मिलन समारोह को वह संबोधित कर रहे थे। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप आनंदयुक्त वातावरण में पठन-पाठन की चर्चा करते हुए उन्होंने इसके लिए विद्यार्थियों का गीत-संगीत व विभिन्न मनोरंजक स्पर्धाओं से जुड़ाव आवश्यक बताया।

दो-दिवसीय इस कार्यक्रम के पहले दिन शुक्रवार को जहां प्राइमरी इकाई में प्री-नर्सरी से कक्षा – 1 के बच्चों का पिकनिक हुआ, वहीं दूसरे दिन शनिवार को कक्षा 2 से 5 के बच्चे सीनियर इकाई प्रांगण में पहुंचे। जबकि, सीनियर विंग से कक्षा 6 से 8 के बच्चों ने प्राइमरी विंग के मैदान में पहुंचकर मस्ती की। दूसरी ओर, कक्षा 9 से 12वीं के विद्यार्थियों के लिए एक्सक्लूसिव मूवी शो का आयोजन किया गया। पिकनिक में बच्चों ने गीत-संगीत और खेल-कूद के साथ विभिन्न व्यंजनों का आनंद लिया।

गीतों पर थिरकते और झूमते-नाचते नन्हें विद्यार्थियों की धमा-चौकड़ी अपने-आप में आकर्षण का केंद्र रही। उन्होंने खूब उथम मचाई। कोई क्रिकेट खेल रहा था, तो कोई पकड़म-पकड़ाई, कोई बैडमिंटन तो कोई फुटबॉल। वहीं, मिक्की माउस जंपिंग झूले का भी उन्होंने जमकर आनंद लिया। स्माइली इमोजी वाला सेल्फी प्वाइंट भी लुभावना रहा।

बच्चों की मस्ती में विद्यालय के शिक्षकों ने भी उनका साथ दिया। उनके साथ फोटो खिंचाई, सेल्फी ली और साथ नाच-गाकर उनका मनोबल बढ़ाया। प्राचार्य डॉ. गंगवार ने बच्चों के साथ केक काटे। बच्चों ने उन्हें कार्ड व पुष्पगुच्छ भेंट किए। पिकनिक में बच्चे अपनी पसंद की पोशाक पहनकर आए थे और उनका उत्साह चरम पर रहा। इस दौरान पूरा विद्यालय मैदान रंग-बिरंगे पताकों वाले सुंदर तंबूओं की साज-सज्जा से आकर्षक बना था और विद्यालय परिसर बाल-कोलाहल से गूंजता रहा।

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