शास्त्रीय संगीत और भारतीय संस्कृति के सहारे विद्यार्थी मन को बना सकते हैं एकाग्र : डॉ. किरण सेठ

स्पीकमैके के संस्थापक पद्मश्री डॉक्टर किरण सेठ का डीपीएस चास विद्यालय में जोरदार स्वागत किया गया। वे इन दिनों साइकिल से भारत भ्रमण पर हैं। उनके स्वागत में विद्यालय में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।

विद्यालय में विद्यार्थियों से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि हमारी शास्त्रीय संगीत और भारतीय संस्कृति बहुत ही महान है। इसके सहारे हम अपने मन को लेजर बीम की तरह एकाग्र कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिसने भी अपने मन को नियंत्रित कर लिया, समझो उसने दुनिया जीत ली। अगर आपने स्वयं को एकाग्र कर लिया तो आपको सर्वश्रेष्ठ बनने से कोई रोक नहीं सकता है। मन को अपने वश में करने की यह विधि कोई नई नहीं, ब्लकि 2000 वर्ष से भी ज्यादा पुरानी है। यह हमें विरासत में मिली है।

उन्होंने बच्चों से कहा कि विद्यार्थी अपने मन को कंसंट्रेट करने के लिए रोज सुबह ब्रश करते समय और सोते समय शास्त्रीय संगीत सुने। जिन्हें शास्त्रीय संगीत नहीं पसंद वे नृत्य या योग का अभ्यास कर सकते हैं। विद्यालय के एसेंबली एरिना में उन्होंने विद्यार्थियों को योग के माध्यम से मन को एकाग्र करने की विधि बताई। उन्होंने कहा कि इसके रोजाना अभ्यास से विद्यार्थियों का पढ़ाई में मन लगेगा और परीक्षा के मार्क्स बढ़ने लगेंगे।

कार्यक्रम के दौरान विद्यालय की कार्यवाहक प्राचार्या दीपाली भुस्कुटे ने डॉक्टर किरण सेठ को पौधा देकर व डायरेक्टर डॉ. नवीन शर्मा ने शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। बच्चों ने उनके स्वागत में स्वागत गीत और मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में उन्होंने विद्यालय में डॉ. किरण सेठ ने हेरिटेज लैब का फीता काटकर उद्घाटन किया। वहीं विद्यार्थियों ने उनसे कई रोचक प्रश्न किए, जिसका उन्होंने बखुबी से उत्तर दिया। कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के पीवीसी एन. मुरलीधरन, एकेडमिक डीन जोस थॉमस समेत सभी शिक्षक मौजूद रहे।

कार्यक्रम के सफल आयोजन पर विद्यालय की चीफ मेंटर डॉ. हेमलता एस मोहन व डीएस मेमोरियल सोसाइटी के सचिव सुरेश अग्रवाल ने सभी को बधाई दी।

स्पीक मैके एक राष्ट्रव्यापी, स्वैच्छिक संगठन है। जो युवाओं के बीच भारतीय शास्त्रीय संगीत और संस्कृति के प्रचार के लिए सोसाइटी है। स्पीक मैके की स्थापना 1977 में आईआईटी-दिल्ली में प्रोफेसर-एमेरिटस डॉ. किरण सेठ द्वारा की गई थी। जिन्हें 2009 में कला में उनके योगदान के लिए पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। डॉ. किरण सेठ आईआईटी दिल्ली के प्रध्यापक रहे हैं। वे रिटायरमेंट के बाद से भारत की गौरवशाली विरासत को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने व देशवासियों में साइकिल के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से भारत भ्रमण पर निकले हैं।
साइकिल यात्रा कर युवाओं को फिटनेस का दे रहे संदेश

पद्मश्री किरण सेठ युवाओं में फिटनेस का संदेश दे रहे हैं, वे भारतीय संस्कृति और पुरातन संगीत से युवाओं को जोड़ने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के इरादे से साइकिल यात्रा कर रहे हैं। 15 अगस्त 2022 से दिल्ली से साइकिल यात्रा शुरू कर 19 फरवरी 2023 को कन्याकुमारी पहुंचे और अपनी द्वितीय साइकिल यात्रा के दौरान वे भारत भ्रमण पर निकले हैं। किरण सेठ अब तक 8000 किलोमीटर से ज्यादा का सफर साइकिल से तय कर चुके हैं। उनका ऐसा जज्बा और जुनून देखते ही बन रहा है।

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