पार्श्वगायक मो. रफी और संगीतकार नौशाद की जयंती पर बोकारो में सजी सुरों की महफिल
बोकारो: फिल्म संगीत के प्रख्यात पार्श्वगायक मो. रफी व संगीतकार नौशाद की जयंती के अवसर पर सेक्टर 12 में बुधवार की शाम स्वरागिनी म्यूजिकल ग्रुप के तत्वावधान में संगीत संध्या का आयोजन किया गया। सुप्रसिद्ध गायक अरुण पाठक, गायक व केन्द्रीय विद्यालय, नई दिल्ली के संगीत शिक्षक शशिकांत, गायक व बैंक आफ इंडिया के वरीय प्रबंधक राजेश सिन्हा, गायक रमण चौधरी, रागिनी सिन्हा अंबष्ठ, संगीतप्रेमी नीरज सिंह व अमरनाथ झा ने पार्श्वगायक मो. रफी व संगीतकार नौशाद की तस्वीर पर पुष्पार्चन कर उन्हें नमन किया। अरुण पाठक ने कहा कि यह वर्ष मो. रफी का शताब्दी वर्ष है। 24 दिसंबर को उनकी 100वीं जयंती थी और आज 25 दिसंबर को संगीतकार नौशाद की जयंती है । मो रफी ने अपनी बेमिसाल गायकी से फिल्म संगीत को जो मुकाम दिया उसके लिए वह सदैव आदर के साथ याद किए जाएंगे। उनकी गायकी का कोई जोड़ नहीं है। फिल्म संगीत को प्रतिष्ठा दिलाने में संगीतकार नौशाद का योगदान भी अविस्मरणीय रहेगा।
रमण चौधरी ने कहा कि मो. रफी के गाए गीत सदैव लोगों की जुबान पर रहेंगे। शशिकांत ने कहा कि संगीतकार नौशाद ने शास्त्रीय रागों पर आधारित धुनें बनाकर फिल्म संगीत को एक अलग ही मुकाम दिया। रागिनी सिन्हा अंबष्ठ ने कहा कि रफी साहब की गायकी का मुरीद हर कोई है। राजेश सिन्हा ने कहा कि रफी साहब ने हर तरह के गीतों को अपनी गायकी से कर्णप्रिय बना दिया। नीरज सिंह ने कहा कि रफी साहब के नग्में संगीत प्रेमियों के दिलों में बसे हैं। अमरनाथ झा ने कहा कि रफी साहब की आवाज और उनकी गायकी ने फिल्म संगीत को जन जन में लोकप्रिय बना दिया।
अरुण पाठक ने ‘तुम मुझे यूँ भुला न पाओगे…’, ‘जाने बहार हुस्न तेरा बेमिसाल है…’, ‘है दुनिया उसी की ज़माना उसी का…’, ‘रहा गर्दिशों में हरदम मेरे इश्क का सितारा…’, ‘इश्क़ दीवाना हुस्न भी घायल.. ‘, ‘ये वादियां ये फिजाएं बुला रही हैं तुम्हें.. ‘, ‘मुझे भूल जाना अगर हो सके..’ की सुमधुर प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। शशिकांत ने ‘मैं निगाहें तेरे चेहरे से हटाऊं कैसे.. ‘, ‘दिल का सूना साज तराना ढूंढेगा… ‘, ‘जिस रात के ख्वाब आए…’, ‘ना झटको जुल्फ से पानी… ‘, रमण चौधरी ने ‘दिन ढल जाए.. ‘, ‘राजे दिल.. ‘, ‘कैसे कटेगी जिंदगी तेरे बगैर… ‘, ‘दूर रहकर न करो बात… ‘, रागिनी अंबष्ठ ने ‘मेरे महबूब तुझे मेरी मुहब्बत की कसम… ‘ व राजेश सिन्हा ने ‘मेरी मुहब्बत जवां रहेगी… ‘, ‘वो हम न थे वो तुम न थे… ‘, ‘छलके तेरी आँखों से… ‘ की सुरीली प्रस्तुति से सभी को आनंदित किया।