नई दिल्ली। भारत द्वारा हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की कई अहम जानकारियाँ सामने आई हैं। इस सैन्य अभियान में भारतीय वायुसेना की महिला पायलटों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई और खतरनाक मिशनों में साहस के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाई। यह भारत की सेनाओं में महिलाओं की बढ़ती भूमिका का एक मजबूत संकेत है।
सूत्रों के मुताबिक, यह ऑपरेशन करीब 88 घंटे तक चला और इसमें पाकिस्तान के 42 सैनिकों और 170 से अधिक आतंकवादियों को ढेर किया गया। भारत की यह कार्यवाही 22 अप्रैल को पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 27 निर्दोष लोगों की जान गई थी और 13 घायल हुए थे। हमले में कई राज्य के पर्यटक और एक नेपाली नागरिक भी मारे गए थे।
इस ऑपरेशन के तहत सबसे बड़ा हमला 7 मई को पाकिस्तान के बहावलपुर इलाके में किया गया, जो आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों के लिए कुख्यात है। इस हमले में अकेले 170 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की जानकारी है।
9 और 10 मई को भारतीय सेना ने आगे की कार्यवाही करते हुए ब्रह्मोस मिसाइलों से पाकिस्तान के कई एयरबेस पर सटीक हमले किए और उन्हें भारी नुकसान पहुंचाया।
एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी के अनुसार, “हमारे सभी टारगेट बिल्कुल सटीक तरीके से निशाना बनाए गए। यह भारत की सैन्य क्षमता का बेहतरीन प्रदर्शन था, जो डोकलाम जैसे अनुभवों से और निखरी है।”
इस ऑपरेशन में भारत ने अपने सात जवानों को खोया, लेकिन पूरे अभियान को ‘स्पेक्टैकुलर प्रिसिजन स्ट्राइक’ यानी शानदार सटीक हमले की तरह देखा जा रहा है।
हालांकि ऑपरेशन फिलहाल रोका गया है, लेकिन भारत की सेना पूरी तरह अलर्ट पर है। एक अधिकारी ने कहा, “पाकिस्तान को इस हमले से करारा झटका लगा है। हमें अंदेशा है कि वे जवाबी हरकत कर सकते हैं, इसलिए हमारी तैयारियाँ पूरी हैं।”
पाकिस्तान की तरफ से हाल ही में सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को ‘फील्ड मार्शल’ का दर्जा देना, भारत के रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, सिर्फ एक “फेस सेविंग” करने की कोशिश है।