सीलिंग के विरोध में 23 जनवरी को दिल्ली के सभी बाजार रहेंगे बंद

# व्यापार बचाने के लिए सरकार लाये एमनेस्टी स्कीम दिल्ली भर में व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की लगातार हो रही सीलिंग से त्रस्त और आहत दिल्ली के व्यापारियों ने आगामी 23 जनवरी को सीलिंग के विरोध में दिल्ली व्यापार बंद करने की घोषणा की है जिसके द्वारा वो इस मामले पर अपना रोष और आक्रोश दर्ज़ कराएंगे ! कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने बंद की घोषणा करतेहुए कहा की सीलिंग एकतरफ़ा, अन्यायपूर्ण और अवैध है और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की आड़ में दिल्ली नगर निगम कानून 1957 के मूलभूत प्रावधानों को ताक पर रख कर की जा रही है जिसे किसी भी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता है ! व्यापारियों ने मांग की है इस बात की जाँच की जाए की क्यों व्यापारियों को उनकेअधिकार से वंचित रखते हुए सीलिंग की जा रही है ! दिल्ली व्यापार बंद करने का निर्णय शनिवार को कैट द्वारा दिल्ली के व्यापारी नेताओं की एक बैठक में किया गया जिसमें दिल्ली के सभी भागों के लगभग 400 प्रमुख व्यापारिक संगठनों के व्यापारी नेता मौजूद थे ! कैट के कहा की यह एक व्यापार बंद है और इसीलिए दिल्ली के सभी बाज़ारों में दुकानों के शटर बंद रहेंगे और कोई भीकारोबार नहीं होगा ! मीटिंग में सर्वसम्मति से पारित एक प्रस्ताव में केंद्र सरकार से मांग की गयी है की दिल्ली के व्यापार को बचाने के लिए एक एमनेस्टी स्कीम लायी जाए जिसके अंतर्गत 31 दिसम्बर 2017 तक जहाँ है है जैसा है के आधार पर छूट दी जाये और भविष्य में किसी प्रकार का कोई उल्लंघन न हो इसके लिए कड़े कानून बनाया जाए जिनका कड़ाईसे पालन हो और न केवल दोषी लोगों बल्कि सम्बंधित अधिकारीयों के खिलाफ भी कड़ी कार्यवाई की जाए ! दिल्ली के व्यापार को बनने में अनेक दशकों का समय लगा है और केवल एक स्ट्रोक पर इस विकास को क्षति पहुंचाने से दिल्ली का ढांचा ही चरमरा जाएगा ! कैट के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा की दिल्ली में सीलिंग की बदहाली के चलते व्यापारियों को भिखारी जैसा बना दिया है ! कोई फोरम नहीं है जहाँ पर व्यापारी अपनी जायज बात भी कह सकें ! कोई सुनने वाला ही नहीं है ! अदालती केस में व्यापारियों को पक्षकार ही नहीं बनाया गया ! ऐसे देश में जो प्रजातांत्रिक औरमानवीय अधिकारों को पूरी तरह सुरक्षा देता है वहां जमीनी हकीकत को नजरअंदाज करते हुए व्यापारियों को अपना पक्ष रखने का कोई मौका न देते हुए उजाड़ा जा रहा है ! उथ एक्सटेंशन एसोसिएशन के श्री विजय कुमार ने कहा की लोकल शॉपिंग सेंटर को पहले से ही कमर्शियल दर्जा दिया हुआ है फिर वहां सीलिंग क्यों वहीँ दिल्ली स्टील टूल्स एसोसिएशन एवं दिल्ली आयरन हार्डवेयर एसोसिएशन के श्री राजेंद्र गुप्ता तथा सतेंद्र जैन ने कहा की शहरी क्षेत्र स्पेशल एरिया है जिसका  री -डेवलपमेंट प्लान अभी बनना है,  ऐसे  में इन क्षेत्रों में सीलिंग मास्टर प्लान का उल्लंघन है ! दिल्ली हिंदुस्तानी मर्केंटाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अरुण  सिंघानिया ने कहा की चांदनी चौक देश का ऐतिहासिक बाज़ार है जो मुग़लों के जमाने से भी पहले का है ऐसे में इस इलाके में सीलिंग का कोई औचित्य नहीं है ! राजौरी गार्डन मार्किट के अध्यक्ष श्री रमेश खन्नाने अफ़सोस जाहिर करते हुए कहा की नगर निगम ने 10 वर्ष पहले 351 सड़कों को कमर्शियल एवं मिक्स लैंड यूज़ चिन्हित करके दिल्ली सरकार को भेजा था लेकिन ये सड़कें आज तक अधिसूचित नहीं हुई है !  

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